एक बार चलो संग मेरे ,
मिलाना है तुमको किसी से ..
पर एक बात मानना मेरी ….
अपनी आँखों में काजल लगा के न आना
उसे दिखाऊंगा तेरी आँखों की ये सूजन ..
अपनी ओढ़नी कहीं राह में ही छोड़ देना ..
उसे दिखाऊंगा तेरा ये पीला पड़ता सफ़ेद रंग ..
सुनो !! हो सके तो रात में आना ,
क्योंकि , मैं जानता हूँ , दिन की रोशनी में
तुम उसे अपने होठों को छूने न दोगी
और मुस्कान फिर तुमसे रूठ के चली जायेगी।
बड़ी मिन्नतों के बाद वो मानी है तुमसे मिलने को..
कसम है तुम्हे मेरी , इस बार मना न करना !!
मिलाना है तुमको किसी से ..
पर एक बात मानना मेरी ….
अपनी आँखों में काजल लगा के न आना
उसे दिखाऊंगा तेरी आँखों की ये सूजन ..
अपनी ओढ़नी कहीं राह में ही छोड़ देना ..
उसे दिखाऊंगा तेरा ये पीला पड़ता सफ़ेद रंग ..
सुनो !! हो सके तो रात में आना ,
क्योंकि , मैं जानता हूँ , दिन की रोशनी में
तुम उसे अपने होठों को छूने न दोगी
और मुस्कान फिर तुमसे रूठ के चली जायेगी।
बड़ी मिन्नतों के बाद वो मानी है तुमसे मिलने को..
कसम है तुम्हे मेरी , इस बार मना न करना !!
No comments:
Post a Comment