Saturday, June 21, 2014

हमें भी अब ज़रा सा मुस्कुराना आ गया है

तेरी न में भी हाँ समझना हमें अब आ गया है
तेरे संग होकर हमें हर गम भुलाना आ गया है
जिन्दगी तो बहुत बीती तुम्हारे बिन
अब हर लम्हा तुम्हारे संग बिताना आ गया है
तेरे होने से खुशियाँ ढूंढती हैं अब मेरा पता
मुस्कुराहटों ने घर बनाया है चौखट पे मेरी
तेरी महक मंदिर के धुयें सी पाक है

मेरे बीते दिनों ने कई मौसम हैं देखे
तेरे आने से जीवन में अब बहारों का मौसम है
तेरी तारीफों को शब्दों में पिरोऊँ
या खुद को बिछा दूँ राहों में तेरी


इस सूने जहाँ में बस साथ है तेरा
अब हर पल अहसास है तेरा
तेरे रंग में रंगा है हर सपना मेरा 

तेरे अक्स में पाया है मैंने खुद को
कितना महफूज़ हूँ मैं तेरी इन आँखों में
तेरे होठों की गर्मी में मेरी ये सर्द रातें गुजरती हैं
मेरी साँसों में अब हर पल तुम हो बसी
हमें भी अब ज़रा सा मुस्कुराना आ गया है

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