इंतज़ार है उस दिन का
जब कोई ढूँढ़ेगा मुझे
तो पायेगा तुझमें,
जब कोई देखेगा मुझे
तो नज़र आओगे तुम
वो दिन एक बार तो आये,
जब मैं होके भी न रहूँ,
जब मैं ढूंढने से भी न मिलूँ,
जब तैयारियाँ करूँ मैं उस जश्न की
जो मेरे गुम हो जाने के नाम पे मने
जब मेरे बिना मेरे अपनों का काफ़िला चले
जब मैं माटी की एक बुत नहीं
तुझमें पहुँचती तेरी साँसें बन जाऊँ !!
जब कोई ढूँढ़ेगा मुझे
तो पायेगा तुझमें,
जब कोई देखेगा मुझे
तो नज़र आओगे तुम
वो दिन एक बार तो आये,
जब मैं होके भी न रहूँ,
जब मैं ढूंढने से भी न मिलूँ,
जब तैयारियाँ करूँ मैं उस जश्न की
जो मेरे गुम हो जाने के नाम पे मने
जब मेरे बिना मेरे अपनों का काफ़िला चले
जब मैं माटी की एक बुत नहीं
तुझमें पहुँचती तेरी साँसें बन जाऊँ !!
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