कल मेरा बचपन एक बार फिरसे मिला मुझसे
बढ़ी उम्र ने समझदारी सौगात में दी
लेकिन मासूमियत मुझसे वापस ले ली...
चेहरे पे खूबसूरती ने जगह ली ,
पर भोलापन कहीं खो गया …
बचपन की शरारतों को मेरी नासमझी के नाम पर माफ़ी मिली…
बचपन में जो बहुत ख़ास था ,
कल वो बड़ा साधाराड सा लगा…
मेरा बचपन कल बस कुछ क़दमों की दूरी पर था ,
पर अब उसका हाथ पकड़ कर गलियों में घूम आना मुमकिन नहीं था ,
क्योंकि अब दुनिया के बही - खाते में मेरे हर कदम का हिसाब जो रखा जाने लगा है !!
बढ़ी उम्र ने समझदारी सौगात में दी
लेकिन मासूमियत मुझसे वापस ले ली...
चेहरे पे खूबसूरती ने जगह ली ,
पर भोलापन कहीं खो गया …
बचपन की शरारतों को मेरी नासमझी के नाम पर माफ़ी मिली…
बचपन में जो बहुत ख़ास था ,
कल वो बड़ा साधाराड सा लगा…
मेरा बचपन कल बस कुछ क़दमों की दूरी पर था ,
पर अब उसका हाथ पकड़ कर गलियों में घूम आना मुमकिन नहीं था ,
क्योंकि अब दुनिया के बही - खाते में मेरे हर कदम का हिसाब जो रखा जाने लगा है !!